पूज्य एवं प्रियवर होली हंगामा पॉडकास्ट भाग एक में हार्दिक स्वागत है
इस भाग में आप मिलिए शरद कोकस,संगीता पुरी,अविनाश वाचस्पति,अनिता कुमार, दीपक मशाल जी से
और कल रात्रि अजय झा , शहरोज़, और रानी विशाल जी से,
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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12 टिप्पणियां:
सबसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा .. और अंत में दीपक जी की कविताओं ने तो दिल खुश कर दिया !!
होली के इस पवन पर्व पर आपने बहुत अच्छा काम किया है.. सारे लोगों को एक साथ लाके एक भिन्न मंच तैयार करके.. बाकी सब को पहले भी सुन रखा है मगर अनीता मैम की आवाज़ पहली बार सुनने को मिली.... कुल मिला कर आनंद आया और भरोसा हो गया कि होली पर अपने आप को अकेला नहीं महसूस करूंगा.. आप सब साथ होंगे.. दिल से भी और आवाज़ से भी.. :)
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...
वाह बहुत सुन्दर योजना है.
कई लोगों की आवाज सुनकर बहुत अच्छा लगा.
जीजा साला की वार्ता से शुरूआत अच्छी लगी।
मजा आया सबकी तैयारी देख कर...दीपक के कविता पठन 'लन्दन वाले कपड़े अब खादी हो गये हैं' ने आनन्द दिया. बहुत उम्दा प्रयास.
वाह वाह फ़ागुन का रंग चढ़ने लगा है, होली पर सबको सुनकर अच्छा लगा है, वैसे गिरिशजी हम और भांग....:)
Bahut bhadiya raha yah sunsh...sabako sun accha laga!
Aabhaar
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
संगीता पुरी @ शुक्रिया
दीपक भाई है ही नायाब हीरा
दीपक 'मशाल' @ अनिता जी वाकई गंभीर विचारक हैं .
एम वर्मा जी @ बस एक इयर फोन ज़रूरी है
Suman @ नाइस
कुलवंत हैप्पी @..
जीजा साला की वार्ता की तारीफ़ का शुक्रिया
समीर भाई @
एकाध बार हो जाए मोदी वाडे में
विवेक रस्तोगी जी @
उज्जैन/मालवा की संस्कृति का ज्ञान है
रानी विशाल @ शुक्रिया
गिरीश जी पॉडकास्ट सुनना बहु्त अच्छा लगा। शरद जी के अनुभव और मेरे बचपन की होली की यादें एक जैसी हैं ये जान कर अच्छा लगा।
wah bahut sundar ..maja aaya.
वाह...सबको एक साथ सुन कर आनंद आ गया
बहुत अच्छा लगा सब को सुन कर दीपक वाकई हीरा है ।उसे बहुत बहुत आशीर्वाद। धन्यवाद आपका
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