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यूनिवर्सिटीयों को ब्रेनबम नहीं ईमानदार व्यक्तित्व बनाने दो

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" भारतीय संविधान   में   स्वतंत्रता का अधिकार   मूल अधिकारों में सम्मिलित है। इसकी   19, 20, 21   तथा   22   क्रमांक की धाराएँ नागरिकों को बोलने एवं   अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता   सहित ६ प्रकार की   स्वतंत्रता   प्रदान करतीं हैं।   भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय संविधान में धारा १९ द्वारा सम्मिलित छह स्वतंत्रता के अधिकारों में से एक है." { साभार विकी }                               राष्ट्रद्रोही नारों को  जे एन यू काण्ड में कन्हैयानामक युवक जो जे एन यू  का प्रेसीडेंट है गिरफ्तार हुआ तो हायतौबा मच गई .   सर्वाधिक सब्सिडी   पाने वाले इस यूनिवर्सिटी के छात्र यूनिवर्सिटी  के उद्देश्यों को धता बताते हुए  छात्र यदि  अफ़ज़ल गुरु  या बट को याद करते हैं इतना ही नहीं इन कुछ छात्रों ने जिनके पीछे बहुत कुछ ताकतें काम करती प्रतीत होतीं हैं देशद्रोह सूचक नारे लगाते हैं ........ बावजूद इसके कि हाफ़िज़ सईद { जिस पर  कोई भरोसा नहीं कर सकता है } ने   किनारा किया हो . हमारा अनुमान है वास्तव में इसके पीछे बरसों से एक ख़ास प्रकार का समूह सक्रीय है . जो केवल मानसिक रोगी बेहिसाबी बहस के