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19.2.11

संगीता पुरी जी की कहानी मेरी जुबानी:अर्चना चावजी (पाडकास्ट)

साभार: "स्वार्थ"ब्लाग से
               आज इस व्‍हील चेयर पर बैठे हुए मुझे एक महीने हो गए थे। अपने पति से दूर बच्‍चों के सानिध्य में कोई असहाय इतना सुखी हो सकता है , यह मेरी कल्‍पना से परे था। बच्‍चों ने सुबह से रात्रि तक मेरी हर जरूरत पूरी की थी। मैं चाहती थी कि थोडी देर और सो जाऊं , ताकि बच्‍चे कुछ देर आराम कर सके , पर नींद क्‍या दुखी लोगों का साथ दे सकती है ? वह तो सुबह के चार बजते ही मुझे छोडकर चल देती। नींद के बाद बिछोने में पडे रहना मेरी आदत न थी और आहट न होने देने की कोशिश में धीरे धीरे गुसलखाने की ओर बढती , पर व्‍हील चेयर की थोडी भी आहट बच्‍चों के कान में पड ही जाती और वे मां की सेवा की खातिर तेजी से दौडे आते , और मुझे स्‍वयं उठ जाने के लिए फिर मीठी सी झिडकी मिलती। ( आगे=यहां ) संगीता पुरी जी की कहानी का वाचन करते हुए मैं अभिभूत हूं.


6.2.10

गत्यात्मक ज्योतिष की प्रवर्तक श्रीमती संगीता पुरी जी की भविष्यवाणी सही हुई

सुधि श्रोता गण
सादर-अभिवादन
पोडकास्ट साक्षात्कार के दूसरे भाग में संगीता पुरी जी ने ज्योतिष को विज्ञान  कहने में कहीं कोई कमीं नहीं छोड़ी. किन कारणों से ज्योतिष को विज्ञान की सहमति न मिल सकी यह भी बताया है. साथ ही  उनके द्वारा मेरे  जन्म से लेकर अब तक के उतार चढ़ाव को भी प्रेषित किया जो 90 प्रतिशत सही पाए गए {देखिये ग्राफ एक एवं दो }

बावरे-फकीरा पर प्रसारित  उनसे लिए  साक्षात्कार भाग एक को सुनने भाग-एक पर क्लिक कीजिये  मिसफिट ब्लॉग पर पहुँच कर तथा   भाग-दो सुनने के लिए  यहाँ चटके का इंतज़ार है. इस प्रयोग को जारी रखने आपका सहयोग अपेक्षित है .आज की चर्चा सुनकर आपको  ज्ञात  कि मौसम संबंधी भविष्यवाणी पूर्णत: सही साबित हुई है



संगीता पुरी जी
 
                                                                                                                ग्राफ एक 


                                                                                                      ग्राफ दो 
 

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सेकण्ड कापी 

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