अल्पसंख्यकों की दुर्दशा करते चरमपंथी
यज़ीदी अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ होते धर्मांध आई एस आई एस की दरिंदगी उफ़्फ़ !!उनके द्वारा यज़ीदी समुदाय की औरतों एवम बच्चों के खिलाफ़ हो रहे जुल्मो-सितम की खबरें विश्व के लिये एक चिंता का विषय है.परंतु इस पर विश्व के अगुआओं की नज़रफ़ेरी से बेहद दुख:द स्थिति जन्म ले रही है. उधर यज़ीदीयों का धर्म उनको अल्प संख्यक के रूप में स्थापित रखता है. वे विश्व में मात्र सात लाख रह गए हैं. उनका दोष मात्र इतना है वे "शैतान को मान्यता " देते हैं. नवभारत टाइम्स के अनुसार " पुरातन काल से यजीदी इराक के अल्पसंख्यक हैं। ये लोग शुरू से ही शैतान को पूजते आ रहे हैं। इनके धार्मिक सूत्रों में शैतान ईश्वर के बनाए सात फरिश्तों में से एक है और उसका दूसरा नाम मेलक तव्वस है। माना जाता है कि आदम को सिजदा न करने पर मेलक को ईश्वर ने न सिर्फ माफ कर दिया बल्कि उसके स्वाभिमान से काफी प्रभावित हुए। 18वीं और 19वीं सदी में यजीदियों को शैतान पूजक बताकर जातिगत द्वेष के चलते बड़ी तादाद में मारा गया। इससे मिलती-जुलती घटना उनके साथ 2007 में भी घटी। धमकियों के चलते यजीदियों के धर्मगुरु बाबा शेख ने वह