भारतीय उद्योगपतियों के पीछे क्यों पड़े हैं एक्टिविस्ट..?
【भारतीय उद्योगपति जो भारतीय एक्टिविस्टों को असहनीय हैं 】 आर्थिक विकास के लिए जरूरी है, उत्पादन और उसका उपभोग और उत्पादित वस्तुओं का वैश्विक एवं आंतरिक विपणन । भारतीय कंपनियां विशेष रूप से रिलायंस एवं अदानी इन दिनों जनता के गुस्से का शिकार हैं। भारत में रिलायंस और अदानी ग्रुप के विरुद्ध वातावरण निर्माण करने के पीछे एक खास वर्ग भारत में भारतीय कंपनियों को हतोत्साहित करने के लिए एक खास तरीके से काम कर रही है । उनका अपना एजेंडा है बाबा रामदेव अंबानी एवं अदानी द्वारा स्थापित उत्पादक समूह को क्षतिग्रस्त करना । किसान आंदोलन के 1 माह से अधिक समय बीतते हुए एक तथ्य सामने आया है जो यह साबित करता है कि-"भारतीय कंपनियों को इतना हतोत्साहित कर दीजिए कि की वे ना तो सक्रिय रूप से उत्पादन कर सके नाही विश्व व्यापार के लायक हो सकें" किसान आंदोलन में एक नैरेटिव तेजी से फैलाया गया कि भारत सरकार ने यह तीन कानून केवल बाबा रामदेव अदानी और अंबानी जैसे व्यापारियों को लाभान्वित करने के लिए बनाए हैं। आज अचानक नीरव जॉनी जी के ब्लॉग पर नजर गई । तो पता चला कि हम भा