अदेह से संदेह प्रश्न

अदेह से सदेह प्रश्न
कौन गढ़ रहा कहो
गढ़ के दोष मेरे सर
कौन मढ़ रहा कहो ?
***********
बाग में बहार में, ,
सावनी फुहार में !
पिरो गया किमाच कौन
मोगरे के हार में !!
पग तले दबा मुझे कौन बढ़ गया कहो...?
********

एक गीत आस का
एक नव प्रयास सा
गीत था अगीत था !
या कोई कयास था...?
गीत पे अगीत का वो दोष मढ़ गया कहो..

*****************

तिमिर में खूब  रो लिये
जला सके न तुम  दिये !
दीन हीन ज़िंदगी ने
हौसले  डुबो दिये !!
बेवज़ह के शोक गीत कौन गढ़ रहा कहो.

***************

अलख दिखा रहे हो तुम
अलख जगा रहे हो तुम !
सरे आम जो भी है -
उसे छिपा रहे हो तुम ?
मुक्तिगान पे ये कील कौन जड़ रहा कहो ?

😊😊😊😊😊😊😊
*गिरीश बिल्लोरे मुकुल*

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

क्यों लिखते हैं दीवारों पर - "आस्तिक मुनि की दुहाई है"

विमर्श

सावन के तीज त्यौहारों में छिपे सन्देश भाग 01