5.4.11

एक आम आदमी के ब्लॉग से...एक पोस्ट

नही जानती उनका नाम क्या है पर है बस एक आम आदमी-- जो लिखना चाहता है... और जिसके अन्दर डर है तो दर्द भी, प्रेम है तो नफ़रत भी, ,और गुस्सा भी, सुनिए उनकी एक पोस्ट..

एक शानदार और ईमानदार रचना---डॉ.अमर कुमार
बात में दम है - मगर समझना तो आखिर हमें ही है न!---स्मार्ट इंडियन

 


7 टिप्‍पणियां:

अनुभूति ने कहा…

शानदार पोस्ट ,
आदमी अपने गुणों से अपनी जगह बनाता हैं |लेकिन हम भले ही कितने विकसित हो जाए ,आज भी भारतीय समाज अपनी
जगह खड़ा हैं ,सही बात कही हैं इसका दर्द वो ही बेहतेर बता सकता हैंजो जाती गत भेदभाव से पीड़ित होता हैं |
बाते अपनी जगह लेकिन समाज अपनी जगह हैं |लेकिन कुछ लोगो को तो इसके खिलाफ होना ही होगा न |

Gautam RK ने कहा…

Behad Shandar Post!!!


"RAM"

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा..बेहतरीन.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बेहतरीन ....बहुत ही उम्दा रचना चुनी है आपने....

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

आपने इसे सुन्दर बना दिया... धन्यवाद प्रिय बहन का...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

बधाई हो जी

Smart Indian ने कहा…

अर्चना जी और भारतीय नागरिक, आप दोनों का धन्यवाद!

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...