शहीद भगतसिंह का अन्तिम खत ...दीपक "मशाल" की आवाज में
उचित सम्मान के साथ हम नीचे लिखी बाते .आपकी सेवा में रख रहे हैं -
भारत की ब्रीटिश सरकार के सर्वोच्च अधिकारी वाइसराय ने एक विशेष अध्यादेश जारी करके लाहौर षड़यंत्र अभियोग की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायधिकर्ण (ट्रिबुनल ) स्थापित किया था ,जिसने 7 अक्टुबर ,1930 को हमें फांसी का दंड सुनाया | ह
मारे विरुद्ध सबसे बड़ा आरोप यह लगाया गया हैं कि हमने सम्राट जार्ज पंचम के विरुद्ध युद्ध किया हैं |
न्यायालय के इस निर्णय से दो बाते स्पष्ट हो ज़ाती हैं -पहली यह कि अंग्रेजी जाति और भारतीय जनता के मध्य एक युद्ध चल रहा हैं |दूसरी यह हैं कि हमने निशचित रूप में इस युद्ध में भाग लिया है |अत: हम युद्ध बंदी हैं | यद्यपि इनकी व्याख्या में बहुत सीमा तक अतिशयोक्ति से काम लिया गया हैं , तथापि हम यह कहे बिना नहीं रह सकते कि ऐसा करके हमें सम्मानित किया गया हैं |पहली बात के सम्बन्ध में हमें तनिक विस्तार से प्रकाश डालना चाहते हैं |
हम नही समझते कि प्रत्यक्ष रूप से ऐसी कोई लड़ाई छिड़ी हुई हैं | हम नहीं जानते कि युद्ध छिड़ने से न्यायालय का आशय क्या हैं ? परन्तु हम इस व्याख्या को स्वीकार करते हैं और साथ ही इसे इसके ठीक सन्दर्भ को समझाना चाहते हैं | ………………….
पूरा पत्र "दखल की दुनियां" पर देखिये
12 टिप्पणियां:
सभी अमर बलिदानियों को हमारा शत शत नमन !!
इंक़लाब जिंदाबाद !!
अमर शहीद भगतसिंह और उनके साथियों को कोटिशः नमन....
शुक्रिया महान सपूतों की याद दिलाने के लिए .
शहीद भगतसिंह को शत शत नमन ....
सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद!
shahido ko shat shat naman..
शहीद भागसिंह और उनके सभी स्वत्रंता सेनानियों को नमन |
२०वीं सदी में पैदा होने वाले दो सरदारों को इतिहास हमेशा याद रखेगा. एक वह जो देश के लिए मर मिटा.. और एक वह जो आज देश को मिटाने वालों के लिए मर मिटा जा रहा है.. आप मेरा आशय समझ रहे होंगे.
साभार
जय भारत जय भगत..
बन्धक आजादी खादी में,
संसद शामिल बर्बादी में,
बलिदानों की बलिवेदी पर,
लगते कहीं नही मेले हैं!
जीवन की आपाधापी में,
झंझावात बहुत फैले हैं!!
अमर शहीद भगतसिंह और उनके साथियों को कोटिशः नमन....
bhagat singh evm unke sathiyon ko mera kotish naman, waise sh.waise mai sh. deepak mashaal ji 100 fisadi sahmat hun.
देश के वीर सपूतों को शत शत नमन
इनकी शहादत को शत् शत् नमन ...आपका आभार इस प्रस्तुति के लिये ।
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