25.12.10

आवाज पर ओल्ड इज़ गोल्ड श्रृंखला से चार प्रतिनिधि गीत

सजीव सारथी जी 
हिंदयुग्म के आवाज़ अनुभाग से ओल्ड-इज़-गोल्ड के इन सदाबहार गीतों को प्रस्तुत करते हुये मैं अर्चना चावजी क्रिसमस एवम नववर्ष की अग्रिम बधाईयों के साथ प्रस्तुत हूं. साथियो , यदि कहा जावे कि हिंद-युग्म एक वेब पर हमारी आवश्यकता है  उसके सामग्री चयन,विषय-वस्तु की वज़ह से तो कोई अतिश्योक्ति नही    मेरी कम्पेयरिंग में आशा आप को यह पसंद आए...संजीव सारथी और अनुराग शर्मा एवम सम्पूरं हिंद युग्म परिवार को अर्चना-चावजी एवम सहप्रस्तोता गिरीश बिल्लोरे मुकुल का "मिसफ़िट:सीधीबात" की ओर से हार्दिक आभार निवेदित है     

मैं बन की चिड़िया बन के.....ये गीत है उन दिनों का जब भारतीय रुपहले पर्दे पर प्रेम ने पहली करवट ली थी


हाथ सीने पे जो रख दो तो क़रार आ जाये....और धीरे धीरे प्रेम में गुजारिशों का दौर शुरू हुआ


भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना, जमाना खराब है दगा नहीं देना....कुछ यही कहना है हमें भी


दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छायी...जब स्वीट सिक्सटीस् में परवान चढा प्रेम  

10 टिप्‍पणियां:

vijay kumar sappatti ने कहा…

beete dino ki yaad dila di girish bhai

बाल भवन जबलपुर ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

सदाबहार गीतो का प्रस्तुतिकरण अच्चा लगा!

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

आप सभी का आभारी हूं

Dorothy ने कहा…

क्रिसमस की शांति उल्लास और मेलप्रेम के
आशीषमय उजास से
आलोकित हो जीवन की हर दिशा
क्रिसमस के आनंद से सुवासित हो
जीवन का हर पथ.

आपको सपरिवार क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं

सादर
डोरोथी

Swarajya karun ने कहा…

हमारी दुर्लभ सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और सुरक्षित रखने का यह एक अच्छा प्रयास है. कामयाबी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं .

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जी धन्यवाद

बेनामी ने कहा…

बधाईयां
बहुत खूब
उद्धव जी से मिलिये जी !!

बेनामी ने कहा…

बाबू
तुम कबआ रहे हो चित्तोड़
उद्धव जी से मिलिये जी !!

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति...........क्रिसमस की ढेरों शुभ कामनाएं.
फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...