एक मुलाक़ात प्रशांत श्रीवास्तव के साथ

''मिसफ़िट : सीधीबात पर पिछले दिनों आपने प्रशांत श्रीवास्तव की ग़ज़ल देखी और प्रशांत भाई को दुलारा मैं आपका आभारी हूं, आज प्रशांत भाई आपसे मुलाक़ात के लिये हाज़िर हैं  पेशे-ख़िदमत प्रशांत भाई का इन्टरव्यू यू-ट्यूब के ज़रिये (भाग एक=यूट्यूब पर सीधे देखने क्लिक कीजिये "इधर"



(भाग दो :"यू ट्यूब पर देखने इधर क्लिक कीजिये"
और एक मधुर गीत सुनना चाहें तो

बाकी सब आल इस वेल

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
प्रशांत जी को देखा,सुना,अच्छा लगा.अभी सब सो रहे अहिं इसलिए आवाज बहुत धीमी करके सुनना पद रहा है.स्कूल से आ कर वापस सुनूंगी तभी उनके बारे में ईमानदारी से लिख पाऊँगी.पर गिरीशजी आप बहुत मेहनत करते हैं इसमें कोई शक नही.
इससे पहले मैं प्रशांत जी को नही जानती थी.आपके ये छोटे छोटे प्रयास किसी भी रचनाकार के लिए एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव से कम नही.ईश्वर आपके प्रयासों को सफलता तो दे ही आपको सदा सुखी,स्वस्थ और सक्रीय रखे.
दिलीप कुमार और वैजयन्ति माला जी के इस सदाबहार,फड़कते गीत को यहाँ देख कर मजा आ गया.हमारा कोई भी मस्ती भरा प्रोग्राम इस गाने के बिना आज भी पूरा नही होता. जियो 'हमारे' शेर!
प्रशान्त कौरव ने कहा…
वाह क्या बात है

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

क्यों लिखते हैं दीवारों पर - "आस्तिक मुनि की दुहाई है"

विमर्श

सावन के तीज त्यौहारों में छिपे सन्देश भाग 01