16.9.10

फ़ुल टाईम माँ----

जन्माष्टमी ,राधाष्टमी ......दिन विशेष की जरूरत नहीं ..........एक बार हम भी पुकार ही लें---



 इसे पढ़िये यहाँ---

11 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

मज्जा आ गया कानों मे ज्यों ही राधे धुन पड़ी.
डाउन लोड करो तो कैसे ? मेरे भाई कोई रास्ता बताओ ना गूगल की ही मदद लेनी पडेगी?
जियो जियो राधे रानी आपके सारे सपने पूरे करे.
इस धुन की बरसों से तलाश थी.दिन सुधर गया अपना तो.

बेनामी ने कहा…

अर्चनाजी! म्युज़िक क्यों नही यूज किया? मजा आ जाता तब और भी ज्यादा. यूँ मधुर गाती हो.
प्यार

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत अच्छा लगा.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

डॉ. मोनिका शर्मा से मिलकर बहुत अच्छा लगा!
--
कान्हा जी का भजन अर्चना चाव जी ने बहुत ही भाव-विभोर होकर गाया है!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बॊत अच्छा लगा जी धन्यवाद

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

अर्चनाजी हार्दिक धन्यवाद आपका ......
आपकी आवाज़ ने शब्दों में जान डाल दी है...
आभार

अजय कुमार झा ने कहा…

आहाहा ...आनंद आ गया जी सच में ..मोनिका जी और अर्चना जी दोनों को ही बधाई

GANGA DHAR SHARMA ने कहा…

श्रेष्ठ रचना , श्रेष्ठ आवाज.

Shikha Kaushik ने कहा…

archna ji indu ji ne sahi kaha aapko music bhi use karna chahiye tha.swar bahut meetha hai aapka aur aapne gane ke liye kavita bhi achchhi chuni hai aage se music bhi use karen .

honey sharma ने कहा…

nise

nutan vyas ने कहा…

Bahut hi sundar!

Wow.....New

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