आज सुनिए------------सतीश जी का ये गीत जो उन्होंने बीस साल पहले लिखा था...............आज भी ताजा- सा लगता है ...........
१---
इसे फ़िर सुने ----------------कुछ इस तरह से ........................
२---
सतीश जी के बारे में----
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Wow.....New
धर्म और संप्रदाय
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7 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर...दोनों वर्ज़न!
वाकई में आज भी ताज़ा लगता है...
आभार अर्चना जी !
मेरे लिखे गए इन शब्दों को, आपने अपनी मधुर आवाज में जीवन दे दिया ....
बहुत सुन्दर...आभार अर्चना जी
satish jee likhate hee gazab hai us par aapake sur vaah
सतीष जी एक पुख्ता रचनाकार हैं सच बिना लाग लपेट के कह रहा हूं..?
Bahut khoobsurat..
Dhanywaad Girish ji ise sunwaane ke liye...
aabhaar..!!
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