14.6.10

मेरी आवाज़ में अब सुनिये: मन बैठा विजयी सा रथ में !!

इश्क-प्रीत-लव:
पर प्रकाशित गीत मेरी आवाज़ में सुनना चाहेंगे जो इन सभी सुधि पाठकों भाया :निलेश  माथुर जी,संगीता स्वरुप ( गीत ), दिव्या जी ,राम त्यागीजी , विनोद कुमार पांडेय जी,अमिताभ मीत जी,अजय कुमार जी ,दिलीपभाई ,डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ,म  वर्मा जी ने आप को भी पसन्द आयेगा तय है 

9 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

रचना जितनी अच्छी उतनी ही सुर में सुनना भी सुखद

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

वर्मा जी आप का आभार

सरफ़राज़ ख़ान ने कहा…

बहुत सुन्दर

Unknown ने कहा…

नमस्ते,

आपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।

दिलीप ने कहा…

bahut sundar...bas ek sujhaav mic se thoda door rehkar record kar dijiye...shuruaat me kuch clear awaaz nahi aa pa rahi...

shikha varshney ने कहा…

बहुत अच्छा लगा सुनना भी

sanu shukla ने कहा…

behad sundar...bhaisahab

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर!
पाठ के लिए रचना भी बहुत बढ़िया चुनी है!

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छा लगा सुनना!

Wow.....New

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