पाडकास्ट चिट्ठाचर्चा के बाद.... ऑन लाइन ''अन्त्याक्षरी''का प्रयोग ?
ब्लॉग 4 वार्ता पर आपने अनिता कुमार जी से हुई प्रथम पाडकास्ट चिट्ठा चर्चा के प्रयोग को जो स्नेह दिया उसके लिए आभारी हूं यह पाडकास्ट मूल स्वरुप में पेश किया है अत: तकनीकी कमियां हैं जिसे सुधार ने के जुगाड़ में हूं शीघ्र ही सारी कमियां दूर हों इस हेतु आप सुधि जन भी मुझे युक्ति शुझा सकतें हैं.... अत: कल आन लाइन अन्त्याक्षरी वाला प्रयोग करने जा रहा था कुछ समय के लिए स्थगित कर रहा हूं
आप के सुझाव सादर आमंत्रित हैं
चलते चलते दीपक 'मशाल',महाशक्ति ,महफूज़ मियाँ ,मिथलेश दुबे सहित सभी ''बेचारे-कुंवारों को स्नेह सहित समर्पित गीत सुनिए यहां
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टिप्पणियाँ
aur kya khata hui jo mujhe GangaRam bana rahe hain he he he
अन्ताक्षरी तो वहाँ के हिसाब से छुट्टी याने शनि/रवि को रात में रखें तो यहाँ दिन रहेगा.
हदीस में झूठ बोलना कुफ़्र माना गया है आज आपने मुझे य़क़ीन दिलाया था कि आप आ रहें हैं ठीक दो बजे पर मियां ये क्या रात हो गई और आप हैं कि ............?