1.4.10

शुक्रिया "नईदुनिया"जबलपुर


नारी के बारे में विमर्श किया जाना जितना सहज सरल है उतना कठिन है  उसे ह्रदय से सम्मानित करना . स्त्रि विमर्श के नाम पे जो कुछ जारी है मुझे नही लगता उसमें नारी को स्थान दिलाने का भाव झलकता है बल्कि बहुधा बहस में विमर्श में नारी को आहत ही किया जाता है

धूप से बचाए जो वो  छावा यही तो हैं 
                         यह सत्य है आज एक ऐसा सत्य भी उज़ागर हुआ जब एक ऐसी महिला को नगर के अखबार नई-दुनिया ने नायिका-सम्मान २०१० से सम्मानित किया जिसने जीवन का विवरण सिर्फ़ संघर्ष की कलम से मानस-फ़लक दर्ज़ किया.. सीमित साधन और जीवन को जीने की सफ़लता और सुफ़लता से जीने की ललक की मूर्ति  नारी के इस शक्तिरूपा स्वरूप को नई-दुनियां जबलपुर ने विशेष सम्मान देकर सभी की आंखें नम कर दीं वो हैं श्रीमति माया राय.... रामपुर निवासी माया राय, बराट रोड पर चाय की दुकान चलाती हैं। घर पर मां और छोटी बेटी साथ हैं। 17 साल पहले पति का स्वर्गवास हो जाने के बाद उनके व्यवसाय (चाय की दुकान) को खुद संभाला और अपने चार बेटियों का भरण पोषण करने लगीं। सबसे बड़ी बेटी को बीकॉम तक पढ़ाया और उसका विवाह कर दिया। उससे छोटी बेटी रोशनी को भी बीकॉम कराया और वर्तमान में वह रायपुर से सीएस की कोचिंग कर रही है। तीसरे नंबर की पुत्री का दो साल पूर्व भेड़ाघाट में पानी में डूब जाने से निधन हो गया। सबसे छोटी बेटी मोनिका अभी दसवीं में पढ़ रही है। सभी बेटियों अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से पढ़ाई कराई। चाय की दुकान के अतिरिक्त आजीविका का कोई साधन नहीं। कभी स्कूल का मुंह भी नहीं देखा, लेकिन एक शिक्षित व जिम्मेदार महिला का दायित्व निभाया। 
के गहन-विमर्श के साथ आज़ देर रात तक समदडिया-माल की विशाल छत  पर अपने अपने अपने क्षेत्र  की श्रेष्ट ”नायिकायें” सम्मानित की गईं

शिक्षा-विद श्रीमति विमला मेबेन के विद्द्यार्थी आज़ विश्व के कई कोने में शहर-देश-प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं जी हां जाय-सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल की स्थापना करने वाले उनके दो बेटों क्रमश: प्रवीण एवम अखिलेश मेबेन आज़ रोमांचित थे उन्हौनें शायद ही सोचा होगा कि उनकी संघर्ष शील  मां जो  एक छोटे से कमरे से कुछ बच्चों को शिक्षित कर रहीं मां क्या चमत्कार करने जा रही हैं... या आने वाले बीस-तीस बरस की संरचना कैसी होगी उनके लिये ........ सीमित साधनों में असीमित कोशिश कर श्रीमति विमला मेबेन ने सीमित साधनो में असीमित कोशिशें कर जिस अदभुत शिक्षा प्रणाली को गढा उसकी लकीर पर चलते-चलाते जाय सीनियर सेकण्डरी स्कूल आज खास स्कूल बन चुका है..... उनको सम्मान के लिये चयनित  कर ज्यूरी ने कोई गलती नहीं की ........आयु की अधिकता वश अस्वस्थ्य  श्रीमति विमला जी .की ओर से सम्मान ग्रहण किया उनकी पुत्रवधु ने  ...सच वे शिक्षा के क्षेत्र की "नायिका " हैं ओर सदैव रहेंगी . . 
                                                                    
आलेख-प्रस्तुति सहयोग हेतु आभार   श्री राजेश दुबे एवम प्रिय भाई राम कृष्ण गौतम

19 टिप्‍पणियां:

आलोक साहिल ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति...

आलोक साहिल

Udan Tashtari ने कहा…

श्रीमति विमला मेबेन को तो हम तब से जानते हैं, जब राईट टाउन में स्कूल प्रारंभ हुआ था.

बहुत अच्छा लगा उनके सम्मान का समाचार सुन और साथ में ही श्रीमति माया राय को नमन एवं बधाई.

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति...

संजय भास्‍कर ने कहा…

behtreen parastuti girish ji

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

आपके द्वारा प्रकाशित यह पोस्‍ट वकाई बहुत अच्‍छी है क्‍योकि इस पोस्‍ट से प्रेरणा मिलती है और इन सच्‍चे हीरो से सीखने को बहुत कुछ मिलता है।

चन्दन कुमार ने कहा…

महिलाओं पर केंद्रित आपकी यह रचना काबिले तारीफ है...इनका विमर्श करना कितना मुश्किल और आसाना है मुझे नहीं पता पर हां, ये अतिल्य जरूर हैं.

Akhilesh ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Akhilesh ने कहा…

When the award was being given to Mrs. Maya Rai I had tears in my eyes as for once some one has realized and recognised what is sincerity and hard labour.I am reminded of my old days when my mother was struggling the same way. I salute "Nai Duniya for this.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

akilesh ji
thank

समयचक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी ब्लागजगत के सामने प्रस्तुत करने के लिए . आभार .

शिवा ने कहा…

बहुत अच्छा लेख , बधाई

Gautam RK ने कहा…

Thank sfor Your Great Compliments Sir... I hope The Naidunia will promot and obgelize many of NAYIKAYEN in Future...




"RAM"

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

आभार शिवाजी

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

गौतम जी
धन्यवाद

हर्षिता ने कहा…

बहुत अच्छा लेख , बधाई गिरीश जी।

alka mishra ने कहा…

यात्रा नार्येस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः
--
asm

alka mishra ने कहा…

यत्र नार्येस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः
दिल खुश हो गया ,वास्तविक शक्तियां ये ही तो हैं

--
asm

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

जी अलका जी शुक्रिया

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

शायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
सूचनार्थ!

Wow.....New

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