आडियो कांफ्रेंस: सुनिये पंडित रूप चन्द्र शास्त्री मयंक [खटीमा,उत्तरांचल ],स्वप्न--मंजूषा[कनाडा],कार्तिक-अग्निहोत्री[सहारा-समय,जबलपुर],और गिरीश


 अभी  आप  ने सुनिये  पंडित रूप चन्द्र शास्त्री मयंक [खटीमा,उत्तरांचल ],स्वप्न--मंजूषा[कनाडा],कार्तिक-अग्निहोत्री[सहारा-समय,जबलपुर],तथा मेरी वार्ता.
शास्त्री जी की कविता जो संभवत: स्पष्ट न सुनाई दे रही हो अत: पाठ्य-रूप में देखिये
नही जानता कैसे बन जाते हैं,


मुझसे गीत-गजल।


जाने कब मन के नभ पर,


छा जाते हैं गहरे बादल।।


ना कोई कापी या कागज,


ना ही कलम चलाता हूँ।


खोल पेज-मेकर को,


हिन्दी टंकण करता जाता हूँ।।


देख छटा बारिश की,


अंगुलियाँ चलने लगतीं है।


कम्प्यूटर देखा तो उस पर,


शब्द उगलने लगतीं हैं।।


नजर पड़ी टीवी पर तो,


अपनी हरकत कर जातीं हैं।


चिड़िया का स्वर सुन कर,


अपने करतब को दिखलातीं है।।


बस्ता और पेंसिल पर,


उल्लू बन क्या-क्या रचतीं हैं।


सेल-फोन, तितली-रानी,

इनके नयनों में सजतीं है।।

कौआ, भँवरा और पतंग भी,

इनको बहुत सुहाती हैं।

नेता जी की टोपी,

श्यामल गैया बहुत लुभाती है।।
सावन का झूला हो'

चाहे होली की हों मस्त फुहारें।

जाने कैसे दिखलातीं ये,

बाल-गीत के मस्त नजारे।।
मैं तो केवल जाल-जगत पर

इन्हें लगाता जाता हूँ।
                                                                  क्या कुछ लिख मारा है,


मुड़कर नही देख ये पाता हूँ।।


जिन देवी की कृपा हुई है,


उनका करता हूँ वन्दन।


सरस्वती माता का करता,


कोटि-कोटि हूँ अभिनन्दन।।
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
टनकपुर रोड, खटीमा,
ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308.
फोनः05943-250207, 09368499921, 09997996437

टिप्पणियाँ

रानीविशाल ने कहा…
Bat chit sunane bahut me bahut maza aaraha hai....lekin Girishji "Labaro" ko maun karane ka nuskha bahut sahi bataya aapane :)
रानीविशाल ने कहा…
Aadarniya Shashtri jaise bahuguni, sajjan aur sahaj purush ko aur karib se jaannae ka mauka mila ...aapko bahut dhanywaad.

vastava ke apane karya ke prati Shashtriji ki lagan aur unka anushashan preranadaayi hai aise saral hriday gyani purush ko naman.
कई दिनों से आपका पॉडकास्‍ट नहीं सुन सकी .. आज बहुत ही अच्‍छी लगी आप सबों की बातचीत .. शास्‍त्री जी की कविता बहुत अच्‍छी लगी .. इससे पहले की पोस्‍ट में कनिष्‍क कश्‍यप जी की बातचीत भी सुनने की कोशिश करती हूं !!
रानीविशाल ने कहा…
Kartikji se parichaya bhi bahut accha raha....kul milakar bahut hi accha rahi baat chit.
आदरणीय शास्त्री जी बात करना मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा..
उनसे हम न जाने कितनी बातें सीख सकते हैं....
अदा जी
तो चलें खटीमा हाँ कल अलबेला खत्री जी बात चीत होगी
दीपक 'मशाल' ने कहा…
rochak lagi baatcheet.. lekin aadhi hi sun pa rha hoon. raat bahut ho gayi.
fir aata hoon
बहुत बढिया पॉडकॉस्ट है।
बधाई।
गिरीश जी !
कनाडा से स्वप्न मञ्जूषा शैल (अदा बहिन) और कार्तिक-अग्निहोत्री[सहारा-समय,जबलपुर] के साथ बतियाना एक सुखद अनुभव रहा!
यह सब सम्भव भी ब्लॉगिंक के ही कारण हो पाया है!
आभारी हूँ आपका!
आपने बहुत बढ़िया कार्य सम्भाला है!
"ब्लॉगिंग की महिमा वास्तव में अनन्त है!"
आदरणीय शास्त्री जी बात करना मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा..
उनसे हम न जाने कितनी बातें सीख सकते

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