यह एपिसोड होली के दिन रिकॉर्ड किया है जिसे हू ब हू पेश कर रहा
याद आप यहाँ न सुन पाए तो ''इधर'' चटका लगाइए जी
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प्रतीक्षा कीजिए शीघ्र ही होगी पाबला जी से धमाकेदार मुलाक़ात
हिन्दी ब्लागिंग में जारी झंझावातों पर खुल के बोले पाबला जी
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11 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा लगा मिथिलेश से पोडकास्ट । बहुत अच्छा और उभरता हुया लेखक होने के साथ साथ बहुत अच्छा इन्सान भी है। धन्यवाद
वाह रे मेरे बवाल...आज तो पुरानी होली की याद ताजा करा दी तुम्हारी आवाज ने..बहुत अखरा होली पर वहाँ न होना वरना तो क्या महफिल जमती...बिल्लोरे जी का आभार..कि कम से कम अपने बवाल की आवाज में सुन पाये...
मिथलेश और अनिता जी को सुन कर भी अच्छ लगा..
सबका स्नेह बना रहे..यही ख्वाईश है!! बेहतरीन प्रस्तुति!!!
सब हमारे रंग मे ही रंग जायेंगे...क्या बात है ..
वाह गिरीश भईया आपका भी जवाब नहीं , भाई अब तो आपसे बच के रहना पड़ेगा ,पता नहीं कब आप क्या राज खुलवां के पोस्ट कर दें , बड़ा मजा आया सूनकर बवाल भईया फिर से ।
नए प्रकार का, सही बवाल मचाये हो आप भी !
आनन्द आ गया. बवालमय प्रस्तुति
तमाम मुद्दों पर बेबाक बातचीत
बातचीत के दौरान मेरे अनुमान के अनुसार गुझिया खा रहे थे.
सबका स्नेह बना रहे..यही ख्वाईश है!! बेहतरीन प्रस्तुति!!!
bahut badia
बहुत अच्छा प्रयोग है। पब्लिक में बवाल जी से गवा दो तो सचमुच में बवाल ही मच जाये। अनिता जी को नहीं सुन पाये, जल्दी ही सुनेंगे इस आशा और विश्वास के साथ। चर्चा को और व्यापक परिप्रेक्ष्य दिए जा सकते हैं। वर्तमान ज्वलंत मुद्दों पर बात की जा सकती है। सबके विचार और क्या करना चाहिए, सुझाव लिए जा सकते हैं। मिथिलेश जी की आवाज नहीं पहचानी गई।
Are baba..!!
Ham to sun hi nahi paaye ye podcast ... error message aaraha hai ki aapne Data Transfer Limit Exceed kar diya hai...
Dekh lijiyega...
भैया, हमरे तो कनवा ही फूट गए यार। ई कौन चिल्लाचोट मचाय रहा था, अनिता जी और भाई मिथिलेश जी की बातचीत के बीच में जोर जोर से? भाँग की पिनक विनक में रहा होगा। बवाल कहीं का।
हा हा। आप भी ना गिरीश भैया, अच्छी जुगलबंदी करवाय दिए।
अनिता जी और मिथिलेश जी से बातचीत का अनुभव बहुत ही सुखद और आनंददायी रहा। आप सभी का बहुत बहुत आभार और होली की बहुत बहुत बधाइयाँ।
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