अनूप शुक्ल जी से संवाद
ब्लॉग के सशक्त हस्ताक्षर अनूप शुक्ला संयुक्त महाप्रबंधक लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर हैं . आज ब्लॉग जगत के लिए उनसे हुए संवाद को पेश करते हुए मुझे ख़ुशी है
उनके ब्लॉग फुरसतिया चिट्ठा चर्चा
मैं ही प्रथम नहीं हूँ जो पाडकास्ट इंटरव्यू ले रहा हूँ मुझसे बेहतरीन अंदाज़ में इस चर्चा के पहले भी पॉडभारती पर अनूप जी से चर्चा हुई उसे मत भूलिए उसे भी सुन ही लीजिये यहाँ
उनके ब्लॉग फुरसतिया चिट्ठा चर्चा
मैं ही प्रथम नहीं हूँ जो पाडकास्ट इंटरव्यू ले रहा हूँ मुझसे बेहतरीन अंदाज़ में इस चर्चा के पहले भी पॉडभारती पर अनूप जी से चर्चा हुई उसे मत भूलिए उसे भी सुन ही लीजिये यहाँ
टिप्पणियाँ
" ब्लॉगिंग में ऐसी कोई बात नहीं जिसका रोना रोया जाये
दो चार खराब लोगों के चलते पूरे परिदृश्य को खराब बताना अच्छी बात नहीं" और-
" आप बचपने पर रोक लगाओगे तो ९०% ब्लॉग तो कल ही बन्द हो जायेंगे" और-
"कुछ खराब बातों का जिक्र करके और उनका हल्ला मचाकर
आप हम तमाम अच्छी चीजों की अवहेलना करते हैं"
काश मृणाल जी इस सम्वाद को सुन सकें.
बधाई हो गिरीश जी.
बहुत कुछ जानने - समझने को मिला ब्लोगिंग के बारे में ..
आशावाद की क्या पुरहर अभिव्यक्ति है ! सच बात है कि निराशावादी
आंकलन से यत्किंच सकारात्मकता के साथ अन्याय होगा ..
संतुलन की अच्छी अभिव्यक्ति है फुरसतिया में , यह मृणाल पाण्डेय
के जिक्र के दौरान देखी जा सकती है ..
अनूप-संकल्प प्रेरक है .. सच है कुछ सार्थक करना ज्यादा महत्वपूर्ण है ..
'' चिट्ठाचर्चा '' से राजनीति के सम्बन्ध पर अपन का कोई वास्ता नहीं , इस
प्रसंग में बोर भी होने लगा था ..
अंत में कहना चाह रहा हूँ कि जिस चीज ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया
वह है - ' फुरसतिया जी की सकारात्मकता ' ..
.......................... आभार !
बाकी सब ठीक है -पोडकास्टिंग के लिए मुकुल जी को बधाई
शुकुल -मुकुल की जोड़ी जोरदार
आपने बहुत सटीक प्रश्न/चर्चा की। और अनूप जी ने डक नहीं किया प्रश्नों को!
रामराम.
ब्लागरों से बतियाने का यह तरीका नया नहीं, पर सतत भी नहीं रहा।
आपने शुरू किया है ये अच्छी बात है।
बधाई
दिनेशराय जी के निवास संबंधी उल्लेख में भोपाल कहा गया माफी कहता हूँ
तीसरा खंबा के लेखक द्विवेदी जी कोटा से हैं उनका मेल आई डी है drdwivedi1@gmail.com
http://www.tarakash.com/2/blog/134-anupshukla-interview.html
मजा आया. विवादित मुद्दों पर बोलना आसान नहीं होता :)
पोष्टिक खाने वाली बात लम्बी सी मुस्कान दे गई. यही मजे एक दुसरे की खिंचाई के... होली नजदीक दिख रही है.
वन्दे मातरम
मेरे विचार से पॉडकास्टिंग बढ़ेगी। मैं स्वयं तीन साल से अधिक समय से नियमित रूप से प४ढकास्ट के रहा हूं और यह बेहतरीन अनुभव है।
apako suna hai
main hee hoon
"कुछ खराब बातों का जिक्र करके और उनका हल्ला मचाकर
आप हम तमाम अच्छी चीजों की अवहेलना करते हैं"
आगे भी ऐसे ही अन्य पॉडकॉस्ट सुनने की इच्छा है । आभार ।